शहादत दिवस पर विचार गोष्ठी का आयोजन संपन्न।

सिंदरी, 23 मार्च : शहीद भगत सिंह राजगुरु सुखदेव की शहादत दिवस और छात्र अश्मित आकाश की श्रद्धांजलि सभा सह परिचर्चा गुरुद्वारा हॉल सिंदरी में की गईं। सभा और परिचर्चा का आयोजन ज्ञान विज्ञान समिति, अस्मित न्याय मंच सिंदरी तथा जनवादी महिला समिति के संयुक्त तत्वधान में किया गया। परिचर्चा का उद्घाटन करते हुए भारत ज्ञान विज्ञान समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. काशी नाथ चटर्जी ने कहा कि शहीद भगत सिंह और उनके साथी जिस आजादी के लिए फांसी के फंदे पर लटक गए, वो आजादी अभी अधूरा है। भगत सिंह और उनके साथी चाहते थे कि क्रांति आजादी के प्रगति पर हीं नहीं समाप्त होनी चाहिए बल्कि तबतक जारी रखनी चाहिए जबतक एक मनुष्य के साथ दूसरे मनुष्य पर शोषण ना हो। आज आज़ादी के 78 वर्ष बाद हमारे देश में भयंकर बेरोजगारी, साम्प्रदायिकता, जातिवाद, भ्रष्टाचार, अलगाववाद जैसी स्थिति है, इसलिए हमलोग को क्रांतिकारियों से प्रेरणा लेकर संघर्ष दूसरी आजादी के संघर्ष जारी रखना होगा। परिचर्चा की अध्यक्षता करते विकास कुमार ठाकुर ने भगत सिंह से लेकर छात्र अस्मित आकाश की संस्थागत हत्या की चर्चा करते हुए कहा कि अस्मित आकाश की मौत के बाद पुलिस प्रशासन ने अज्ञात पर हत्या का मुकदमा दायर किया किंतु तीन वर्ष बाद भी पुलिस हत्यारा का पता नहीं कर पाई है, जिसके खिलाफ तबतक संघर्ष जारी रहेगा जबतक न्याय नहीं मिल जाता है।

परिचर्चा के पूर्व शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव तथा अस्मित आकाश के चित्रों पर माल्यार्पण किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता व संचालन विकास कुमार ठाकुर ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन रजनीकांत मिश्रा द्वारा किया गए। परिचर्चा में डा. काशी नाथ चटर्जी, शिक्षाविद् प्रो. राजेंद्र मिश्रा, प्रो. डी के सेन, काली सेन गुप्ता, जनवादी महिला समिति की सिंदरी नगर अध्यक्ष रानी मिश्रा, संतोष महतो, रवि सिंह, राज नारायण तिवारी, स्वामीनाथ पाण्डेय, प्रफुल्ल कुमार स्वैन, सूर्य कुमार सिंह, गौतम प्रसाद, समीरन विद, दिलीप विश्वकर्मा, राम कुमार, शिव कुमार सिंह, सुबल चंद्र दास, हेमंत कुमार जायसवाल, भोला नाथ राम, जितेंद्र निषाद, मुकेश कुमार, शिबू राय, मिठू दास, रंजू प्रसाद, सविता देवी, पिंटू चटर्जी व मधेश्वर नाथ भगत आदि मौजूद थे।

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