धनबाद : आज दिनाँक 13/10 /2025 को धनबाद में जन स्वास्थ्य अभियान झारखण्ड की बैठक आयोजित की गई। बैठक में डॉ काशीनाथ चटर्जी, सदस्य जे एस ए राज्य समन्वय समिति ने बताया की वर्ष 2000 में डॉक्टर, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, जन संगठनो ने मिलकर देश में जन स्वास्थ्य अभियान शुरू किया था। वर्तमान में सरकार द्वारा झारखण्ड के खूंटी, जमशेदपुर, धनबाद, गिरिडीह, देवघर और जामताड़ा के जिला अस्पतालों को पीपीपी मॉडल के तहत निजीकरण किया जाना है। जन स्वास्थ्य अभियान के तहत जिला अस्पतालों के निजीकरण के विरोध में आंदोलन की दिशा और आगे की कार्ययोजना तैयार होगी। असीम सरकार, संयोजक जे एस ए झारखण्ड कहा की निजीकरण से आम जनता के संसाधन से उद्योगपति मुनफा कमाते है जिसे जनता सेवाओं से वंचित हो जाती है। स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र सरकार की जिम्मेदारी है। हम जे एस ए के तरफ से जिला अस्पतालों के निजीकरण का विरोध करते है। डॉ सुनील सिन्हा, वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा की कोविद काल के जन स्वास्थ्य सेवाओं का महत्व और बढ़ गया है। निजी अस्पताल में इलाज बहुत महंगा हैं, आम जनता की पहुँच से दूर है। पीपीपी मॉडल फैल हो चुका हैं जन दबाव में इसे रोकना होगा। विकास ठाकुर ने बताया की अभी स्वास्थ्य व्यवस्था और ख़राब हो गई है। अभियान को आँचल क्षत्रो में ले जाना होगा और जनता को जोड़ना होगा। बैठक में जन स्वास्थ्य अभियान की धनबाद समिति का गठन किया गया।
जिसमे अध्यक्ष डॉ सुनील सिन्हा, उपाध्यक्ष सोर्मिष्ठा सरकार, सपन माझी, राम कृष्ण, हेमंत मिश्रा, राम कुमार, सचिव – रवि सिंह, संयुक्त सचिव – भोलानाथ राम, रानी मिश्रा,अरिंदम विश्वास, सदस्य- डॉ काशीनाथ चटर्जी, परेशचंद बाउरी, झरना गुहा, हेमंत जयसवाल, गणेश मंडल,चंडी चंद चक्रवर्ती, जय मजूमदार, लीलामई गोस्वामी, अभिजीत हरि, सोमा नियोगी, मधुमिता मिस्त्री, रंजना कुमारी, राजू बाउरी, मधीश्वर भगत, नीरज पासवान और सविता माझी।
