पुटकी (धनबाद) : आज दिनांक 20 अगस्त 2025 को साक्षरता नोडल कार्यालय पुटकी में ज्ञान विज्ञान समिति झारखंड जिला इकाई धनबाद द्वारा राष्ट्रीय वैज्ञानिक चेतना दिवस सह वैज्ञानिक दृष्टिकोण के बलिदान दिवस पर डॉ. नरेंद्र दाभोलकर के 12 वीं शहादत दिवस पर श्रद्धासुमन व परिचर्चा का आयोजन ज्ञान विज्ञान समिति धनबाद के संयुक्त सचिव रानी मिश्रा के अध्यक्षता में तथा संचालन जिला सचिव भोला नाथ राम के द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुख्यरूप से जिला उपाध्यक्ष विकास कुमार ठाकुर, मो. हकीमुद्दीन, श्री गौरी कुमार चैता व महफूज आलम मौजूद थे। सर्व प्रथम डॉ. नरेंद्र दाभोलकर व झारखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री श्री राम दास सोरेन जी के तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया। संचालन करते हुए भोला नाथ राम द्वारा कहा गया कि आज डॉ. नरेंद्र दाभोलकर जी का 12 वीं शहादत दिवस है, आज ही के दिन इनकी हत्या कर दी गई थी। इनके द्वारा लगातार अंधविश्वास मुक्त समाज व तर्कशील समाज के लिए कार्य करते आ रहे थे। जिला उपाध्यक्ष विकास कुमार ठाकुर ने कहा कि वैज्ञानिक चेतना और नरेंद्र दाभोलकर का नाम एक दूसरे से जुड़ा हुआ है, क्योंकि दाभोलकर ने अपने जीवनकाल में वैज्ञानिक चेतना को बढ़ावा देने और अंधश्रद्धा के खिलाफ लड़ने के लिए कार्य किया था। नरेंद्र दाभोलकर ने अंधश्रद्धा के खिलाफ लड़ाई लड़ी और लोगों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया। वैज्ञानिक चेतना की आवश्यकता पर उन्होंने जोर दिया और कहा कि यह समाज के विकास के लिए आवश्यक है। नरेंद्र दाभोलकर के प्रयासों ने वैज्ञानिक चेतना को बढ़ावा देने और अंधश्रद्धा के खिलाफ लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके काम ने लोगों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने और अंधश्रद्धा के खिलाफ जागरूक करने में मदद की है। मरणोपरांत उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। गौरी कुमार चैता व महफूज आलम द्वारा कहा गया कि आज भी नीचे तक अंधविश्वास की जड़े फैली है, इस पर हम सभी को समाज के अंतिम व्यक्ति तक कार्य करने की आवश्यकता है। झारखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि रामदास सोरेन एक भारतीय राजनेता और झारखंड राज्य के भूतपूर्व मंत्री थे।
वे झारखंड सरकार में राजस्व, पंजीकरण एवं भूमि सुधार (पंजीकरण) विभाग के मंत्री और स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विकास विभाग के मंत्री थे। ईलाज के दौरान 15 अगस्त को इनकी मृत्यु हो गई, जो काफी दुखद रहा। इसके पश्चात आज बैठक की अध्यक्षता कर रहे संयुक्त सचिव रानी मिश्रा जी द्वारा धन्यवाद के पश्चात कार्यक्रम का समापन किया गया। इस कार्यक्रम में मधेश्वर नाथ भगत, राज नारायण तिवारी, ललिता श्रीवास्तव, चंदा देवी, गंधारी कुमारी, सुनीता देवी, सोमा नियोगी, संजू देवी, नवल कुमार, विनोद कुमार, अकबर अली, सुमित्रा देवी, कविता कुमारी, बेबी देवी, गंधारी कुमारी आदि कार्यकर्ता मौजूद थे।