पेसा एक्ट में कुड़मीयों का भागीदारी सुनिश्चित करे राज्य सरकार : शीतल ओहदार

जमशेदपुर : आज दिनांक 29/06/25 को टोटेमिट कुड़मी/कुरमी (महतो) समाज का पेसा कानून पर एक दिवसीय परिचर्चा (कुड़मि पंचायत) शहीद निर्मल महतो भवन कालनगर, सोनारी जमशेदपुर में समाज के अगुआ शीतल ओहदार के अध्यक्षता में संपन्न हुआ। परिचर्चा में श्री ओहदार ने कहा कि झारखंड सरकार राज्य में पेसा कानून जल्द ही लागू करने वाली है, ड्राफ्टिंग कमेटी के द्वारा पेसा एक्ट का ड्राफ्टिंग हो चुकी है, हम कुड़मि भी इस कानून का पक्षधर हैं किन्तु अधिकांश आदिवासियों का सासन व्यवस्था शामिल किया गया है जबकि कुड़मि जनजाति भी एक आदिवासी है, इसका भी एक सशक्त शासन व्यवस्था है और यह व्यवस्था राज्य सरकार के प्रस्तावित पेसा कानून पर शामिल नहीं है। यदि कुड़मीयों की बाईसी व्यवस्था को पेसा कानून में शामिल नहीं किया गया तो राज्य में सबसे अधिक संख्या में रहने वाले यह जनजाति दोयम दर्जा में चला जाएगा। कई जिलों जैसे रांची, सरायकेला – खरसावां, पुर्वी और पश्चिमी सिंहभुम में संवैधानिक अधिकार ही छीन जाएगा। सरकार से मांग करते हुए श्री ओहदार ने कहा कि कुड़मीयों की बाईसी व्यवस्था को पेसा कानून में शामिल किया जाए तब ही इसे लागू किया जिसे। इस परिचर्चा में बुद्धिजीवियों और युवाओं को आमंत्रित किया गया था, सभी से पेसा कानून पर एक – एक करके विचार लिया गया और इस कानून से कुड़मीयों को लाभ अथवा हानि पर चर्चा हुई।

परिचर्चा में मुख्य रूप से शैलेंद्र महतो (छोटा), टोटेमिक कुड़मी/ कुरमी विकास मोर्चा के केंद्रीय मिडिया प्रभारी सखीचंद महतो, केंद्रीय महासचिव सपन कुमार महतो, संरक्षक दानिसिंह महतो, केंद्रीय महासचिव मुरलीधर महतो, केंद्रीय प्रवक्ता खुदीराम महतो, केंद्रीय प्रवक्ता ललित मोहन महतो, वरिष्ठ समाजसेवी डॉ करूणाकर महतो, समाजसेवी विगण महतो, समाजसेवी बलराम महतो आदि बुद्धिजीवियों ने विचार व्यक्त किए। युवाओं की ओर से निम्न युवा समाजसेवी श्री विशाल महतो, नरेश महतो, सुरज महतो, विष्णु देव महतो,पोबिर महतो, राजेश कुमार महतो आदि ने महत्वपूर्ण विचार दिए। इस परिचर्चा में संदीप महतो, अजय महतो, नीलांबर महतो सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे।

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